1. पार्टी सदस्यता : 16 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी भारतीय नागरिक, जो पार्टी के कार्यक्रम और संविधान को स्वीकार करने के लिए तैयार हो, किसी भी पार्टी संगठन के मातहत काम करने, सौंपे गए कार्यभार को पूरा करने और पार्टी द्वारा निर्धारित सदस्यता राशि यानी सदस्यता शुल्क व लेवी नियमित रूप से अदा करने के लिए तैयार हो, पार्टी की सदस्यता के लिए आवेदन कर सकता है.

2. पार्टी सदस्य के बुनियादी मानदंड : पार्टी सदस्यों को भारतीय मजदूर वर्ग के हिरावल के बतौर काम करना होगा. उन्हें गैरवाजिब सुविधाओं की आकांक्षा नहीं करनी चाहिए, अवश्य ही सीधा-सादा जीवन बिताना चाहिए, अपने व्यक्तिगत हितों को पार्टी व जनता के हितों के मातहत रखना चाहिए, उन्हें खुले दिमागवाला, निष्कपट व व्यापक सोच वाला होना चाहिए, मेहनतकश जनता तथा समाज के वंचित एवं सुविधाहीन तबकों के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए और महिलाओं के सम्मान एवं स्वतंत्रता का पक्षपोषण करना चाहिए. पार्टी सदस्यों को नहीं भूलना चाहिए कि वे जनता के निःस्वार्थ सेवक हैं न कि उनके मालिक. उन्हें कुर्बानी में आगे और सहूलियत हासिल करने में पीछे रहना चाहिए. उन्हें जनता के संघर्षों की उपलब्धियों के बड़े हिस्से को हड़प लेने की लालच नहीं पालनी चाहिए. उन्हें पार्टी, जनता व क्रांति की खातिर सर्वस्व न्योछावर करने के लिए खुद को तैयार करना चाहिए.

पार्टी सदस्यों को संघर्ष में मिली जीत से न तो अतिउत्साहित व आत्मसंतुष्ट होना चाहिए और न धक्के से निराश. उन्हें जनता और पार्टी पर भरोसा रखना चाहिए. पार्टी सदस्यों को आपस में कामरेडाना संबंध बनाना चाहिए न कि गैर उसूली निजी दोस्ताना संबंध, क्योंकि ऐसे संबंध ही पार्टी में उदारतावाद, व्यक्तिवाद, पक्षपात व गुटबंदी पैदा करते हैं. कामरेडाना संबंध से बढ़कर कोई संबंध नहीं होता क्योंकि यह निःस्वार्थ व वैज्ञानिक उसूल पर आधारित होता है.

3. पार्टी सदस्य के अधिकार : (क) चुनने या चुने जाने व मत देने का अधिकार, (ख) पार्टी लाइन और नीतियों पर बहस में भाग लेने का अधिकार,
(ग) गोपनीय मामले को छोड़कर पार्टी लाइन व नीति में विकास व पार्टी कार्य की रिपोर्ट जानने व निर्णयों के बारे में स्पष्टीकरण मांगने का अधिकार, (घ) पार्टी बैठकों में किसी पार्टी संगठन या नेता-कार्यकर्ता की आलोचना करने का अधिकार, (च) केन्द्रीय कमेटी तक कोई सलाह, अनुरोध, शिकायत अथवा आलोचना पेश करने और जिम्मेदाराना जवाब पाने का अधिकार, (छ) अपने खिलाफ प्रस्तावित अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार करने के लिए पार्टी संगठन द्वारा आयोजित बैठक में भाग लेने का अधिकार (अन्य पार्टी सदस्य भी उनके पक्ष में गवाही दे सकते हैं), (ज) मामले का अंतिम निपटारा होने तक संगठन के निर्णय का पालन करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई के खिलाफ अपील का अधिकार और (झ) पार्टी के किसी निर्णय अथवा नीति से असहमति की स्थिति में अपना विचार सुरक्षित रखने तथा इसे उच्चतर पार्टी संगठनों के पास भेजने का अधिकार, बशर्ते कि वे तयशुदा नीति या निर्णय का पालन करते हों.

केन्द्रीय कमेटी समेत पार्टी का कोई संगठन पार्टी सदस्यों को उपरोक्त अधिकार से वंचित नहीं कर सकता, बल्कि पार्टी संगठन को चाहिए कि अपने उपरोक्त अधिकारों के इस्तेमाल के लिए वे पार्टी सदस्यों को प्रोत्साहित करें.

4. पार्टी सदस्य के कर्त्तव्य : (क) मार्क्सवाद-लेनिनवाद और माओत्सेतुंग विचारधारा, पार्टी कार्यक्रम, संविधान, लाइन, उसूलों, वर्तमान नीतियों और पार्टी साहित्य व इतिहास का परिश्रमपूर्वक अध्ययन करना और आम वैज्ञानिक जानकारी हासिल करना, (ख) पार्टी शिक्षा प्राप्त करना, (ग) जनसमुदाय और जनआंदोलनों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखना, जनता के पक्ष में दृढ़तापूर्वक खड़ा होना, उसके बीच से पार्टी सदस्य भर्ती करना, पार्टी की लाइन व स्थितियों का प्रचार करना, जनसमुदाय से सीखना और अपनी चेतना का मान उन्नत करने में जनसमुदाय की मदद करना, (घ) पार्टी के निर्णयों को दृढ़तापूर्वक लागू करना, वे जिस पार्टी संगठन में शामिल हैं उसकी गतिविधियों में नियमित रूप से भाग लेना, अगर छूट न दी गई हो तो जनसंगठनों में काम करना, (ङ) पार्टी की अविभाज्य एकता और सचेत अनुशासन की रक्षा करना तथा पार्टी में उकसावेबाजों, कैरियरवादियों, पार्टी विरोधी तत्वों, दोमुहां लोगों और अन्य बुरे तत्वों की घुसपैठ के विरुद्ध चौकसी बरतना, (च) विभिन्न गैर सर्वहारा विचारो के खिलाफ लगातार संघर्ष चलाते रहना, (छ) पार्टी के प्रति ईमानदार रहना, कथनी और करनी में सामंजस्य कायम करना, अपने राजनीतिक विचारों को न छिपाना और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर न पेश करना, आलोचना और आत्मालोचना करना, अपनी गलतियों को स्वीकार करने, उन्हें दूर करने और सही का पक्ष लेने व गलत का विरोध करने का साहस करना और (ज) पार्टी संगठन द्वारा निर्धारित सदस्यता लेवी व शुल्क नियमित रूप से अदा करना. (झ) प्रत्येक पार्टी सदस्य को एक पार्टी ब्रांच से जुड़ना होगा और उसके अनुसार काम करना होगा.
(ञ) पार्टी सदस्यता एक वर्ष के लिए दी जाती है और हरेक सदस्य को 5/- रु. नवीकरण शुल्क व निर्धारित लेवी देकर अपना नवीकरण करा लेना होगा. उपार्जन करने वाले पार्टी सदस्यों को अपनी आमदनी का एक हिस्सा लेवी के बतौर देना होगा.

5. उम्मीदवार सदस्य के अधिकार व कर्तव्य : इनके वही कर्त्तव्य हैं जो पूर्ण पार्टी सदस्यों के होते हैं. मत देने, चुनने व चुने जाने के अधिकार को छोड़कर उन्हें पूर्ण सदस्यों के अन्य सभी अधिकार प्राप्त हैं.

6. जनवादी केन्द्रीयता : पार्टी संगठन जनवादी केन्द्रीयता के उसूल पर चलता है. यह नौकरशाही, उदारतावाद, अराजकतावाद, व्यक्तिवाद, अतिजनवाद और गुटबाजी का विरोधी है. जनवादी केन्द्रीयता के निम्नलिखित बुनियादी उसूल हैं – (क) व्यक्ति संगठन के मातहत है, (ख) अल्पमत बहुमत के मातहत है,
(ग) निचली कमेटी ऊपरी कमेटी के मातहत है और (घ) समूची पार्टी केन्द्रीय कमेटी के मातहत है. हरेक स्तर की पार्टी कमेटियां अपने स्तर के पार्टी सम्मेलनों में चुनी जाती हैं.

7. अनुशासनिक कार्रवाई : किसी पार्टी सदस्य द्वारा अनुशासन भंग किए जाने की हालत में संबंधित पार्टी संगठन अपने अधिकार व कार्यक्षेत्र के अनुसार और मामले के गुण-दोषों पर विचार करके उचित अनुशासनिक कार्रवाई करेगा, जैसे -- चेतावनी देना, भर्त्सना करना, सार्वजनिक भर्त्सना करना, पदावनत करना, पार्टी पदों से बर्खास्तगी, पार्टी सदस्यता से निलंबन और पार्टी से आजमाइशी तौर पर रखना जिसकी अवधि एक साल से ज्यादा न हो, तथा पार्टी से निष्कासन. अधिकतम सजा है पार्टी से निष्कासन. महिलाओं की मर्यादा का उल्लंघन करनेवाले दोषी सदस्यों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे.

8. पार्टी का ढांचा

(क) पार्टी ब्रांच : पार्टी ब्रांच पार्टी का प्राथमिक संगठन है. यह पार्टी संगठन की प्राथमिक इकाई है. यह अपने इलाके के मजदूरों, किसानों और जन समुदाय के अन्य हिस्सों और पार्टी की नेतृत्वकारी कमेटी के बीच की जीवित कड़ी है. पेशा व क्षेत्र के आधार पर इसका गठन होता है. इसके नीचे कोई पार्टी संगठन नहीं होता है, ऐक्टिविस्ट ग्रुप सक्रिय लोगों का ग्रुप होता है, जिसके बीच से उम्मीदवार सदस्य भर्ती किए जाते हैं.

गठन : पार्टी ब्रांच का गठन संबंधित इलाके के पूर्ण व उम्मीदवार सदस्यों को लेकर होता है. एक ब्रांच में ज्यादा से ज्यादा 15 और कम से कम 5 सदस्य होने चाहिए. ब्रांच के भीतर सचिव सहित पूर्ण सदस्यों को लेकर न्‍यूनतम 3 सदस्यीय लीडिंग टीम का गठन किया जाएगा. हर ब्रांच को पार्टी पत्रिका की कम से कम दो प्रतियां लेनी होगी.

कार्य : नियमित जन संपर्क का कार्य करना एवं सामाजिक-राजनीतिक-सांस्कृतिक कार्य करना, बीपीएल में नाम दर्ज करवाने, जॉब कार्ड, वृद्धा पेंशन/सामाजिक सुरक्षा अधिकार, वोटर लिस्ट, आई कार्ड आदि से संबंधित कार्य करवाने एवं अपने इलाके में अन्य कार्य करना, जन संगठनों के सदस्यता अभियान में भागीदारी करना एवं जनआंदोलनों की अगुवाई करना, ऊपरी कमेटी द्वारा निर्धारित कार्यक्रमों में प्रचार व जन गोलबंदी का कार्य करना, नए-नए पार्टी सदस्य भर्ती करना तथा लेवी उगाही, सदस्यता नवीकरण का कार्य आदि करना.

हर पखवारे में यानी 15 दिन में ब्रांच की बैठक होनी चाहिए और कम से कम महीने में एक बार जनसमुदाय की बैठक का आयोजन करना चाहिए. जिला अथवा एरिया कमेटी द्वारा आयोजित तिमाही बैठकों में ब्रांच सचिवों या ब्रांचों की लीडिंग टीमों के सदस्यों को अवश्य उपस्थित होना होगा.

(ख) पार्टी ब्रांचों के ऊपर लोकल पार्टी कमेटी (न्यूनतम तीन ब्रांचों, 50 सदस्यों, जनसंगठनों के 500 सदस्यों व एक या अधिक ग्राम पंचायतों/वार्डों के आधार पर) होती है. इसके ऊपर क्रमशः एरिया कमेटी (एक प्रखंड या जरूरत के मुताविक कई प्रखंडों को मिलाकर), जिला कमेटी, राज्य कमेटी और सबसे ऊपर पार्टी की केन्द्रीय कमेटी होती है. ब्रांच के ऊपर की तमाम कमेटियों का गठन पार्टी संविधान के तहत निर्धारित अंतरालों पर होता है. सम्मेलनों में उनके कार्यक्षेत्र से चुने हुए प्रतिनिधि भाग लेते हैं और कमिटियों का चुनाव करते हैं.

(ग) अखिल भारतीय पार्टी महाधिवेशन पार्टी का सर्वोच्च संगठन है, जो पांच वर्ष पर आयोजित होता है. इसे पार्टी कांग्रेस भी कहते हैं. दो महाधिवेशनों के बीच की अवधि में केन्द्रीय कमेटी सर्वोच्च संगठन है. केन्द्रीय कमेटी का चुनाव महाधिवेशन करता है. केन्द्रीय कमेटी अपने सदस्यों के बीच से महासचिव का चुनाव करती है तथा अपने सदस्यों के बीच से पोलित ब्यूरो का गठन करती है. जब केन्द्रीय कमेटी का अधिवेशन न हो रहा हो उस समय पोलित ब्यूरो केन्द्रीय कमेटी के कार्यों का संपादन करता है और उसके अधिकारों का प्रयोग करता है.