प्रधानमंत्री बोल रहे हैं कि ‘कैशलेस’ हो जाइये! देश की 86% नकदी को रद्दी बनाने के बाद, और जानबूझ कर छोटे नोटों की जगह 2000 का नोट छपा कर सरकार अर्थव्यवस्था और जनता को कैशलेस (बिना नकदी के) होने के लिए मजबूर कर रही है. इस तरह जबर्दस्ती कैशलेस बनाने से देश के गरीबों, छोटे दुकानदारों, किसानों, दिहाड़ी मजदूरों और आम जनता पर कितना बुरा असर होगा?