अर्थव्यवस्था के लिए, गरीबों के लिए, और पूरे देश के लिए नोटबंदी एक भारी विपदा बन कर आयी है. जो हाड़तोड़ मेहनत कर बमुश्किल जिन्दा रहने लायक कमा पा रहे थे, नोटबंदी ने ऐसे लोगों को बरबादी के कगार पर पहुंचा दिया है. लोग भारी परेशानी में हैं- कई भुखमरी के मुहाने पर बैठे हैं, बहुतों को अचानक ही बेरोजगार बना दिया गया, और इलाज के पैसे, बच्चों की फीस और रोज की जरूरतें पूरी होना मुश्किल हो गया है. इस अनर्थकारी फैसले की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री को लेनी चाहिए. नोटबंदी की मानव निर्मित आपदा जिसे प्रधानमंत्री ने खुद पैदा किया, की भरपाई के लिए सरकार उन लोगों को मुआवजा दे जिन्हें अंतहीन नुकसान और दर्द झेलना पड़ा.

इसके साथ ही सरकार काला धन के धंधेबाजों पर चोट करने के लिए ठोस कदम उठाये, नोटबंदी की आड़ में इन भ्रष्टाचारियों को बचाना बंद करे.
सरकार बिना देरी किये –

• नोटबंदी आपदा की क्षतिपूर्ति के लिए नागरिकों को 1 लाख रुपये का मुआवजा दे.

• मुफ्त अनाज और अस्पतालों में निशुल्क इलाज की गारंटी करे.

• किसानों के सभी तरह के कर्जे और छात्रों के स्कूल/कालेज की फीस माफ करे.

• बैंकों के बकायेदारों (डिफाॅल्टर्स) और विदेशी बैंकों में काला धन वाले खाताधारियों के नाम सार्वजनिक करे.

• सभी राजनीतिक दलों के लिए उनकी आय के सभी श्रोतों को सार्वजनिक करना अनिवार्य बनाये.

• मोदी सरकार ने अभी तक लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं की है? तत्काल लोकपाल की नियुक्ति करे.