freedom-75_hउपनिवेश विरोधी स्‍वाधीनता आन्‍दोलन से भारत का जन्‍म हुआ. संघर्षों से मिली आजादी के 75वें वर्ष में अपने स्‍वाधीनता संघर्ष की स्‍मृतियों और उससे मिले सबकों के साथ आगे बढ़ने के रास्‍ते में आज हमारे सामने बहुत बड़ी चुनौतियां मौजूद हैं.

स्‍वाधीनता आन्‍दोलन में भाग लेने वाले व्‍यक्तियों और समूहों के बीच विभिन्‍न प्रकार की विविधतायें इस चुनौती का एक बेहद महत्‍वपूर्ण पहलू है. ऐसा वैविध्‍य कि आजादी के संघर्ष का कोई भी एक-रेखीय अथवा एक-आयामी इतिहास लिखा ही नहीं जा सकता. इस आन्‍दोलन के सभी घटकों पर पूरा ध्‍यान दिये बगैर स्‍वाधीनता आन्‍दोलन को पूरी तरह से समझ पाना असम्‍भव है.

स्‍वाधीनता आन्‍दोलन को याद करने और उसे पूर्ण सम्‍मान देने के रास्‍ते में आज सबसे बड़ा अवरोध वर्तमान सरकार और शासक पार्टी खड़ा कर रही है. भाजपा का पितृ संगठन आरएसएस स्‍वाधीनता आन्‍दोलन से पूरी तरह दूर रहा था: यह ऐसा सच है जिसे आज भाजपा छुपा रही है. स्‍वाधीनता आन्‍दोलन के भागीदारों की विविधतायें आज धर्म के आधार पर भारत को परिभाषित करने की कोशिश में लगे आरएसएस और भाजपा के लिए बहुत बड़ी समस्‍या है. इसीलिए आज हम देख रहे हैं कि किस प्रकार भाजपा और आरएसएस ‘देश’ और ‘आजादी’ के मूल अर्थों को ही विकृत करने की कोशिश में लगे हैं.

भारत के वर्तमान और भविष्‍य दोनों को बनाने के लिए भारत के स्‍वाधीनता संघर्ष के इतिहास के सबक हमारे लिए महत्‍वपूर्ण हैं. आज हमारे सामने मौजूद चुनौतियों का सामना करने के लिए और भारत की विविधता और लोकतंत्र को बचाने के संघर्ष में इस आन्‍दोलन की गौरवशाली विरासत को याद करना बहुत जरूरी है.

इस पुस्तिका में कामरेड दीपंकर भट्टाचार्य (महासचिव, भाकपा-माले) और कामरेड कविता कृष्‍णन (पोलित ब्‍यूरो सदस्‍य, भाकपा-माले) के आजादी के पचहत्‍तरवें वर्ष में अगस्‍त 2021 और अगस्‍त 2022 के बीच एक साल तक चले ‘आजादी75’ (Freedom75) अभियान के दौरान लिबरेशन पत्रिका में छपे लेखों को शामिल किया गया है. इनके अतिरिक्‍त एक लेख में स्‍वतंत्रता की पचासवीं वर्षगांठ के अवसर पर 1997 में दीपंकर भट्टाचार्य द्वारा लिखित पुस्तिका ‘भारत की आजादी की लड़ाई : दूसरा पहलू’ के उद्धृत व संपादित अंश हैं, इस उम्‍मीद के साथ कि पाठकों को इनके माध्‍यम से भारतीय स्‍वाधीनता संग्राम  के महत्‍व को समझने में मदद मिलेगी और कई अनजाने पहलुओं को जानने के प्रति उनकी उत्‍कंठा बढ़ेगी.

1 अगस्‍त 2022